हास्य व्यंग "कवि सम्मलेन" बी०,एच०,ई०,एल० हरिद्वार
कवि वृन्द बांये से :-
सर्व श्री प्रदीप चौबे , डा० वारिज़ा , डा० रमा सिंह , सुरेन्द्र शर्मा , डा० हरिओम पंवार, अरुण जैमिनी ,
वेद प्रकाश , शहिद हसन शहिद ,सुभाष मलिक
Friday, September 24, 2010
उद्दगार
जिनके हृदय में उठे उद्दगार जग उपकार के
छोड़ कर वो चल दिए वैभव सभी संसार के
आँसुवों में डूब कर आई हो जिनकी लेखनी
गीत लिख सकते नही वो प्यार के श्रंगार के
सुभाष मलिक
Sri Subhash Malik is really a very good poet.
ReplyDeleteMukul Agarwal