Tuesday, June 18, 2013

नए वर्ष में

जिसने बांट दिया हिस्सों मे घर का आंगन,
मिलकर वह दीवार गिराऐं नऐ वर्ष में |  

पीर भरे जीवन की इस जर-जर वीणा पर,  
एक नया संगीत सजाएं  नए वर्ष में |

दीन, हीन, लाचार, सदा जो रहे अभागे,  
उनका घर आंगन महकाएं नए वर्ष मे |

जिसने  संवादों  में सदा सियासत बांटी,  
उससे भी अब हाथ मिलाएं नये वर्ष में |

मेंहनत ओर साहस से ही मिलती है मंजिल
चलो नया संकल्प उठाएं नए वर्ष में |

                   सुभाष मलिक
                   लेखाधिकारी वित्त
                   बी एच ई एल हरिद्वार

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