बहुत सुंदर बहुत मोहक तुम्हारा शहर है लेकिन
मुझे वह गाँव की गलियां पुरानी याद आती हैं
चहकते खेत, लहराती हुई फसलें; गरजते घन,
उन्ही के बीचमें फिर झूमता गाता हुआ ये मन
लिखी जो कलपनाओं पर कहानी याद आती है
मुझे वह गाँव की गलियां पुरानी याद आती हैं
सुभाष मलिक
मुझे वह गाँव की गलियां पुरानी याद आती हैं
चहकते खेत, लहराती हुई फसलें; गरजते घन,
उन्ही के बीचमें फिर झूमता गाता हुआ ये मन
लिखी जो कलपनाओं पर कहानी याद आती है
मुझे वह गाँव की गलियां पुरानी याद आती हैं
सुभाष मलिक
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