Tuesday, September 9, 2014

गाँव

बहुत सुंदर बहुत मोहक तुम्हारा शहर है लेकिन
मुझे वह गाँव की गलियां पुरानी याद आती हैं 
चहकते खेत, लहराती हुई फसलें; गरजते घन,
उन्ही के बीचमें फिर झूमता गाता हुआ ये मन 
लिखी जो कलपनाओं पर कहानी याद आती है 
मुझे वह गाँव की गलियां पुरानी याद आती हैं
सुभाष मलिक

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