है तुम्हारे महल से
भी खूबसूरत |
देखलो आकर कभी छप्पर हमारा ||
देखलो आकर कभी छप्पर हमारा ||
तुम बुझाओ प्यास अधरों की सुधा से |
आँसुओं से है
कलेजा तर हमारा ||
तुम हकीमों का लिए वरदान बैठे हो |
है भरा शुभचिंतकों से घर हमारा ||
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