वक्त है शुभ कामना का हर्ष का।
हो रहा है आगमन नव वर्ष का॥
स्वप्न हो जो भी अधूरा, पूर्ण हो।
सुख से वैभव से धरा परिपूर्ण हो॥
कुछ नए अनुबन्ध हों विश्वास के।
घट सुधा से हों छला-छल प्यास के॥
आया समय संकल्प का, संघर्ष का।
हो रहा है आगमन नव वर्ष का॥
पूर्ण हो संपूर्ण सुख की कामना।
दर्द से ना हो किसी का सामना॥
दीप हृदय में मुहोब्बत के जलें।
दूरियां कम हों सभी मिलकर चलें॥
अब करें सूरज उदय उत्कर्स का।
हो रहा है आगमन नव वर्ष का॥
सुभाष मलिक